शिक्षक नहीं पढ़ेंगे रामायण, जारी पत्र वायरल होने के बाद बीएसए साहब ने लिया यू टर्न, निभाएंगे सहयोगी की भूमिका
Sonbhadra News: जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिवंश कुमार की तरफ से सभी खंड शिक्षाधिकारियों को निर्देशित किए जाने का एक पत्र वायरल हुआ। उसमें निर्देशित किया गया था कि अपने-अपने क्षेत्र के प्रमुख मंदिरों में अष्टमी और नवमी को, तीन-तीन योग्य शिक्षकों के माध्यम से अखंड रामायण पाठ कराना सुनिश्चित करें।
Sonbhadra News: 30 मार्च को रामनवमी के पर्व को देखते हुए अष्टमी और नवमी पर जिले के परिषदीय शिक्षकों को रामायण पढ़ने के लिए ड्यूटी लगाने को लेकर जारी किए गए निर्देश के मामले में, ऐन वक्त पर बेसिक शिक्षा महकमे ने यू टर्न ले लिया है। पत्र वॉयरल होने के बाद और शिक्षक नेताओं के एतराज के बाद अब निर्णय लिया गया है कि शासन के आए निर्देश के क्रम में, अन्य विभागों की तरह, बेसिक शिक्षा महकमे के भी शिक्षक, पाठ करते नजर आने की बजाय, अब सिर्फ सहयोगी की भूमिका में नजर आएंगे।
बताते चलें कि मंगलवार की सुबह जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिवंश कुमार की तरफ से सभी खंड शिक्षाधिकारियों को निर्देशित किए जाने का एक पत्र वायरल हुआ। उसमें निर्देशित किया गया था कि अपने-अपने क्षेत्र के प्रमुख मंदिरों में अष्टमी और नवमी को, तीन-तीन योग्य शिक्षकों के माध्यम से अखंड रामायण पाठ कराना सुनिश्चित करें। इस मामले में बीएसए हरिवंश कुमार से फोन पर जानकारी चाही गई तो उन्होंने पत्र को सही बताया लेकिन पत्र वायरल होने के साथ ही, जहां लोगों की तरफ से तरह-तरह के कमेंट आने शुरू हो गए। वहीं शिक्षक नेताओं की तरफ से भी एतराज की स्थिति को देखते हुए, शाम आते-आते महकमे की तरफ से यू-टर्न ले लिया गया।
जाने क्या कहा बीएसए ने
बीएसए का कहना था कि फिलहाल शिक्षकों से पाठ नहीं कराने का निर्णय लिया गया है। वहीं प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष योगेश पांडेय ने बताया कि इसको लेकर उन्होंने बीएसए से वार्ता की थी। उनके द्वारा लिपिकीय त्रुटि से ऐसा पत्र जारी होने की जानकारी दी। शिक्षकों को सिर्फ सहयोगी की जिम्मेदारी निभानी है। वहीं महिला शिक्षक संघ की जिलाध्यक्ष शीतल दहलान का कहना था कि शिक्षकों से शिक्षक का ही कार्य लिया जाए तो बेहतर है। फिलहाल उन्हें भी शिक्षकों को अष्टमी और नवमी को मंदिरों में होने वाले रामायण में सिर्फ सहयोगी की भूमिका निभाए जाने के निर्देश की जानकारी है।
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