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जनपद में ऐसे करीब 30 से अधिक स्कूलों में शिक्षकों की कमी, पूरे विद्यालय का जिम्मा एक शिक्षक पर


बरेली: प्राथमिक स्कूलों में बच्चों को लाने के लिए तमाम योजनाएं और अभियान चलाए जा रहे हैं, मगर शिक्षकों की कमी को दूर नहीं किया जा रहा है। जनपद में ऐसे करीब 30 से अधिक स्कूल हैं, जहां शिक्षकों की कमी पढ़ाई की राह में रोड़ा साबित हो रही है। शहरी कोहाड़ापीर का कंपोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय कई वर्षों से सिर्फ प्रभारी प्रधानाध्यापक ताहिर अकबर के हवाले है। उनके कंधों पर एक से आठ तक के बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा है। खास बात यह है कि स्कूल परिसर में ही नगर खंड शिक्षा अधिकारी का भी दफ्तर है अब अभिभावक भी कटवाने लगे बच्चों के नाम शहर के बीचों बीच स्थित इस स्कूल में वर्तमान में अभी तक 115 बच्चों का पंजीकरण हो गया है, लेकिन बच्चों की संख्या स्कूल से निरंतर घटती जा रही है। पिछले वर्ष की अपेक्षा स्कूल में 50 बच्चे घट गए हैं। इन दिनों स्कूल में नामांकन के लिए कम बल्कि लोग बच्चों की टीसी कटवाने के लिए अधिक पहुंच रहे हैं। हालांकि प्रभारी प्रधानाध्यापक अभिभावकों को पूरी तरह समझाने की कोशिश कर रहे हैं। कि बच्चों का नाम न कटवाएं।





नहीं हो रही शिक्षकों की तैनाती

इस स्कूल का आला अफसर आए दिन निरीक्षण करते है, मगर उनका ध्यान इस और नहीं जाता है। शिक्षकों की तैनाती के लिए प्रभारी की ओर से कई बार बीएसए सहित उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा जा चुका है।




विभिन्न कक्षाओं के बच्चों को एक साथ बैठाकर पढ़ाया जाता है प्रभारी प्रधानाध्यापक ताहिर अकबर का कहना है कि शिक्षकों की कमी के चलते विभिन्न कक्षा के बच्चों को एक साथ पढ़ाना पड़ता है। बच्चों की देखरेख और सभी विषयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना बेहद चुनौती पूर्ण होता है। इसके अलावा विभागीय कार्य भी करने होते हैं।

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