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आरबीआई कर सकता है रेपो दर में आखिरी वृद्धि


मुंबई,। खुदरा मुद्रास्फीति के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर बने रहने और अमेरिकी फेडरल रिजर्व समेत कई केंद्रीय बैंकों के आक्रामक रुख के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) भी अगले सप्ताह पेश होने वाली मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की एक और वृद्धि का फैसला कर सकता है। यह मई, 2022 से शुरू हुए ब्याज दरों में बढ़ोतरी के चक्र में संभवतः आखिरी वृद्धि होगी ।

रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की द्विमासिक समीक्षा बैठक तीन अप्रैल से शुरू होने वाली है। तीन दिन तक चलने वाली यह बैठक छह अप्रैल को नीतिगत दर संबंधी फैसले के साथ खत्म होगी।

मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए आरबीआई ने मई, 2022 से लगातार नीतिगत ब्याज दर में बढ़ोतरी का रुख अपनाया हुआ है। इस दौरान रेपो दर चार प्रतिशत से बढ़कर 6.50 प्रतिशत पर पहुंच चुकी है। गत फरवरी में संपन्न पिछली एमपीसी बैठक में भी रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी।



समिति के फैसले पर बाजार की नजर रहेगी

भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजे, वृहद आर्थिक आंकड़े और वैश्विक रुख इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय करेंगे। इसके अलावा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की गतिविधियां भी बाजार की दिशा को प्रभावित करेंगी। स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लि. के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौर ने कहा, निवेशकों की निगाह एफपीआई और घरेलू संस्थागत निवेशकों

(डीआईआई) के रुख पर रहेगी। एफपीआई अब शुद्ध खरीदार हो गए हैं। शनिवार को आए वाहन बिक्री के आंकड़े काफी अच्छे रहे हैं।

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