खण्ड शिक्षा अधिकारी हरियावां पर गबन का आरोप-सूत्र
हरदोई हरियावा,जहां एक तरफ सूबे की योगी सरकार भ्रष्टाचार मुक्त उत्तर प्रदेश का सपना दिखा रही हैं।करोड़ों रुपया पानी की तरह बहा कर विभागों की स्थिति सुधारने में कोई कोर कसर बाकी रखना नहीं चाहती। तो वहीं दूसरी तरफ उनके ही जिम्मेदारों ने अपनी खाऊ कमाऊ नीति के चलते विभागीय बजट का ही बन्दर बांट कर डाला।
सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार जिले के हरियावां विकास खण्ड में खण्ड शिक्षा अधिकारी राजेश राम के द्वारा विभागीय रंगरोगन कंपोजिट ग्रांट के लिये शासन द्वारा भेजी गई धनराशि₹80000 व emis का 59000हजार रुपये की धन राशि खराब इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को ठीक कराने के लिये शासन की तरफ से भेजी गई थी। लेकिन धनराशि को खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा सीधे ही उपयोग कर लिया गया है। ना हि विभाग में किसी तरीके का कोई काम हुआ है।और न ही कार्यालय की साफ-सफाई और पीने के पानी की किल्लत झेल रहे विभागीय कर्मचारी व ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले अध्यापक व अभिभावक भी परेशान एक तरफ सरकार का दावा है। तो दूसरी तरफ भ्रष्ट अधिकारी सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद भी स्थानीय स्तर पर भ्रष्टाचार को लगतार बढ़ावा दे रहे हैं।जिनके कंधों पर देश के भविष्य को संभालने की जिम्मेदारों है। जब विभाग का कर्ताधर्ता ही भ्रष्टाचार में लिप्त हो। उनको भारत के भविष्य के निर्माण की जिम्मेदारी कहीं न कहीं बेमानी साबित हो रही है।और विभागीय व्यवस्था बद से बदतर है। कार्यालय के अंदर सौचालय व हैंडपंप सब पूरी तरह अस्त-व्यस्त है।और तो और डिजिटल इंडिया के युग में जंहा बिजली महत्वपूर्ण है।वहीं विभाग का इनवर्टर की खराब पड़ा है। जिसके चलते विभागीय बाबू व जिम्मेदारों को शायद काम करने में भी समस्याएं आ रही हैं। लेकिन विभागीय सांठगांठ के चलते सरकार के सपनों को पलीता लगाने वाले अभी भी हार मानने को तैयार नहीं।खंड शिक्षा अधिकारी से जब दुरभाष पर सम्पर्क किया गया तो उन्होंने एकाउंटेंट से बात कर लेने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया जबकि वित्तीय वर्ष 2022-23 खत्म हो गया। नया वित्तीय वर्ष 23-24 चालू हो गया कार्यालय को पुताई तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी फूलचन्द्र के समय कई सालों पूर्व हुई थी पता नही कब चलेगी सरकार की भ्रष्ट अधिकारियों पर चाबुक।इस पूरे प्रकरण में बेसिक शिक्षा अधिकारी से बात करने का प्रयास किया गया।जबकि उनका फोन नही उठा।।
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