नियम रद्द होने पर सेवा का दावा नहीं कर सकते शिक्षक
उच्चतम न्यायालय ने यूपी सरकार को राहत देते हुए एक फैसले में कहा है कि शिक्षकों की भर्ती के नियम बदल जाने पर पुराने नियमों को वैध नहीं माना जा सकता। भर्ती नए नियमों के तहत ही की जाएगी।
यह कहते हुए मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने शुक्रवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय का फैसला निरस्त कर दिया, जिसमें यूपी के मान्यता प्राप्त अल्पसंख्यक इंटर कॉलेजों में शिक्षकों को असंशोधित यूपी इंटरमीडिएट कॉलेज ऐक्ट- 1921 के तहत की गई भर्ती को सही ठहराया गया था। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि नियमों का मतलब है मौजूदा नियम यानी नए नियम, यह नहीं कि पुराने नियम जो मौजूद ही नहीं हैं।
मामले के अनुसार, अल्संख्यक कॉलेजों में सहायक शिक्षकों की भर्ती की गई थी और उसे मंजूरी के लिए जिला स्कूल निरीक्षक को भेजा गया। लेकिन निरीक्षक ने मामले को वापस कर दिया और कहा कि कानून की धारा-16 एफएफ (4) में मार्च 2018 में संशोधन हो गया है। इसलिए नए कानून के अनुसार भर्ती करें।
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