स्थानीय भाषा में विषयों को समझने के साथ-साथ परीक्षा में प्रदर्शन भी सुधरेगा
नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने कहा, विद्यार्थी अपनी मातृभाषा या स्थानीय में विषयों को समझने के साथ-साथ परीक्षा में भी बेहतरीन प्रदर्शन कर सकता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी भारतीय भाषाओं में पढ़ाई की सिफारिश की गयी है। इसी आधार पर विश्वविद्यालयों को स्थानीय भाषाओं में परीक्षा लिखने की अनुमति देने को कहा गया है। कुमार ने कहा, बेशक अभी पाठ्यक्रम का माध्यम अंग्रेजी है, लेकिन जल्द ही विभिन्न भारतीय भाषाओं में भी किताबें तैयार हो जाएंगी। स्थानीय भाषाओं में मूल लेखन के अनुवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसलिए विश्वविद्यालयों में शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में स्थानीय भाषा
का उपयोग किया जाए। किताब भारतीय भाषाओं में तैयार
करने के लिए शिक्षक भी सहयोग कर सकते हैं।
Post a Comment