सख्ती: स्कूलों को वसूली गई ज्यादा फीस लौटानी ही होगी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों द्वारा कोरोना काल के दौरान सत्र वसूली गई फीस में से 15 प्रतिशत फीस लौटाने के अपने आदेश पर पुनर्विचार अर्जी रिव्यू एप्लीकेशन खारिज कर दी है।
प्राइवेट स्कूलों की अर्जी खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि हमने अपने निर्णय में सभी पहलुओं पर विचार किया है उसके बाद ही स्कूलों को इसे लौटाने का आदेश दिया गया था। फैसले में ऐसी कोई त्रुटि नहीं दिखाई देती है जिससे इस पर पुनर्विचार की आवश्यकता हो। कोर्ट ने कहा कि फैसले पर पुनर्विचार करते समय या अदालत अपीलेट कोर्ट की तरह निर्णय की मेरिट पर विचार नहीं कर सकती है और ना ही मामले की फिर से सुनवाई की इजाजत दी जा सकती है। पुनर्विचार अर्जी पर न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी और न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ में सुनवाई की।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि जो छात्र विद्यालय में पढ़ रहे हैं उनकी फीस अगले सत्र में समायोजित की जाए। जो छात्र स्कूल छोड़ चुके हैं उनसे ली गई फीस में से 15 प्रतिशत फीस वापस कर दी जाए।
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