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शिक्षकों के छुट्टी लेने के नियमों में हुआ बदलाव


परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों एवं अन्य कार्मिकों के अवकाश लिए जाने के प्रावधानों में बड़ा परिवर्तन किया गया है। नई व्यवस्था के तहत अब निर्बंध अवकाश, प्रतिकर अवकाश, अध्ययन अवकाश नहीं मिलेगा। ऐसे अवकाश स्वीकृत करने वाले संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।


नए शासनादेश के अनुसार ग्रीष्मावकाश व शीतकाल में सक्षम अधिकारी के आदेश पर कार्य किए जाने के सापेक्ष अमित उपार्जित अवकाश दिया जाएगा इसमें दिलाई बर्दास्त नहीं की जाएगी। वहीं बल्य देखभाल अवकाश एक बार में तीस दिन से अधिक का स्वीकृत नहीं किया जा सकेगा। एक वर्ष में अधिकतम तीन बार ही बाल्य देखभाल अवकाश लिया जा सकता है। बता दें बच्चों की देखभाल माता पिता के लिए एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है। साम ही बच्चे के लिए में यह आवश्यक है कि जब उनकी देखभाल हो, लेकिन सरकारी नौकरी के साथ यह निभा पाना कठिन हो कता है।


इसे को देखते हुए सरकार ने चाइल्ड केयर लीव का प्राविधान किया है। महिला कर्मी या एकल पुरुष कमों को अपने पूरे सेवाकाल में अपने पहले दो अनमस्क बच्चों ( 18 वर्ष से कम) की देखभाल शिक्षा या हेल्थ आदि जरूरतों के लिए 730 दिनों का वेतन सहित चाइल्ड फेअर लीव मिलता है। कई शिक्षिकाएं एक दर में कई-कई माह का वाय देखभाल अवकाश ले लेती भी लेकिन अब इसमें सुधार कर दिया गया है। यह छुट्टी अधिकार के तौर पर नहीं मांगी जा सकती सक्षम की स्वीकृति के बाद ही पर जाया जा सकता है। चाइल्ड केअर तीच एक साल में तीन बार से अधिक नहीं दी जा सकती है। एक बार में चाइल्ड केअर लीव पांच से अधिक नहीं दी जा सकती है। एक बार में चाइल्ड केअर लीव पांच दिनों से कम नहीं दी जाएगी।

इसके अलावा एक बार में सिर्फ तीस दिन की चाइल्ड के हदीस इसके बीच पड़ने वाले रविवार राजपत्रित अवका आदि को भी छुट्टी में जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही एक अन्य महत्वपूर्ण परिवर्तन भी किया गया है अब किसी भी प्रकार के अवकाश के लिए प्रार्थना पत्र के साथ शिक्षकों को शपथ पत्र नहीं देना होगा। मेडिकल अवकाश के लिए किसी भी पंजीकृत डॉक्टर के मिशन को स्वीकार किया जाएगा। जिला अस्पताल या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर की अनिवार्यता नहीं होगी, लेकिन विना पंजीकृत डॉक्टर के प्रिप्शन के बगैर मेडिकल अवकाश स्वीकृत नहीं होगा।

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