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दस बार दी हिदायत, फिर भी वरिष्ठता सूची गलत






परिषदीय शिक्षकों के प्रमोशन के लिए दस बार हिदायत देने के बावजूद जिलों से अपलोड की जा रही वरिष्ठता सूची में तमाम कमियां हैं। कहीं नियम विरुद्ध तरीके से शिक्षकों की जन्मतिथि के आधार पर वरिष्ठता तय कर दी गई है तो कहीं टीईटी का ब्योरा ही दर्ज नहीं है। कुछ जिलों ने एक मई 2018 को नियुक्त शिक्षकों की सेवा पांच साल मानते हुए वरिष्ठता सूची में शामिल कर लिया है। वरिष्ठता सूची नियमानुसार न होने के कारण प्रमोशन में विवाद तय माना जा रहा है।

शुक्रवार दोपहर तक 75 जिलों में से 32 की वरिष्ठता सूची अपलोड हो सकी थी। बाराबंकी ने जन्मतिथि के आधार पर वरिष्ठता सूची तैयार कर दी है, जबकि नियमावली के मुताबिक ज्येष्ठता सूची अध्यापक की मौलिक नियुक्ति तिथि और चयन गुणांक से तय होती है। हाथरस और रामपुर में एक मई 2018 को 12460 शिक्षक भर्ती के तहत नियुक्त शिक्षकों की सेवा के पांच वर्ष पूरे मान लिए गए हैं, जबकि मैनपुरी में एक मई 2018 को नियुक्त शिक्षकों के पांच वर्ष पूरे नहीं माने गए हैं। प्रयागराज की वरिष्ठता सूची का क्रम गड़बड़ है। क्रम संख्या 5323 के बाद 5933 व 6794 है। कौशाम्बी में किस शिक्षक ने टीईटी की है और किसने नहीं, इसका जिक्र नहीं है।


अब 16 तक अपलोड होगी सूची

बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने आठ मई को सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को 11 मई तक वरिष्ठता सूची अपलोड करने के निर्देश दिए थे। लेकिन तय समय तक 32 जिले ही पोर्टल पर सूची दे सके। इसे देखते हुए सचिव ने 11वीं बार मौका देते हुए सूची अपलोड करने की अंतिम तिथि 16 मई तक बढ़ा दी है। सभी बीएसए को इस आशय का प्रमाणपत्र देना होगा कि ज्येष्ठता सूची में कोई त्रुटि नहीं है।

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