2852 अनुदेशकों के समायोजन का फरमान
शैक्षणिक सत्र 2023-24 की प्रवेश प्रक्रिया पूरी नहीं हुई और प्रदेशभर के उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत 2852 अंशकालिक अनुदेशकों के समायोजन का फरमान आ गया। महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरन आनंद ने 31 अगस्त 2022 की छात्रसंख्या के आधार पर चिह्नित कला, कार्य शिक्षा एवं शारीरिक शिक्षा के सरप्लस अनुदेशकों का समायोजन दूसरे स्कूलों में करने के आदेश दिए हैं। इसमें दो बिन्दुओं पर विवाद की स्थिति है।
एक तो पुरानी छात्रसंख्या के आधार पर वर्तमान में समायोजन का औचित्य क्या है। या तो नया सत्र शुरू होने से पहले समायोजन कर देना चाहिए था या फिर वर्तमान सत्र में प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने के बाद 30 सितंबर की छात्रसंख्या के आधार पर समायोजन की कार्रवाई की जाती।
दूसरी बात है कि शासनादेश में यह साफ नहीं है कि दूसरे स्कूलों में वांछित अनुदेशकों से अधिक संख्या सरप्लस की होती है तो अतिरिक्त अनुदेशक कहा जाएंगे। उदाहरण के तौर पर किसी जिले में शारीरिक शिक्षा के सरप्लस अनुदेशक दस हैं और छह स्कूलों में ही अनुदेशकों की आवश्यकता है तो बचे हुए चार अनुदेशकों का क्या होगा। उनके अनुबंध का नवीनीकरण होगा या नहीं। चिह्नित सूची के अनुसार वर्तमान में प्रदेश में 647 कार्य शिक्षा, एक हजार कला और 1205 अनुदेशक सरप्लस हैं।
दूसरी बात है कि शासनादेश में यह साफ नहीं है कि दूसरे स्कूलों में वांछित अनुदेशकों से अधिक संख्या सरप्लस की होती है तो अतिरिक्त अनुदेशक कहा जाएंगे। उदाहरण के तौर पर किसी जिले में शारीरिक शिक्षा के सरप्लस अनुदेशक दस हैं और छह स्कूलों में ही अनुदेशकों की आवश्यकता है तो बचे हुए चार अनुदेशकों का क्या होगा। उनके अनुबंध का नवीनीकरण होगा या नहीं। चिह्नित सूची के अनुसार वर्तमान में प्रदेश में 647 कार्य शिक्षा, एक हजार कला और 1205 अनुदेशक सरप्लस हैं।
छात्रसंख्या 100 से कम होने पर केवल अनुदेशकों को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें दूसरे स्कूलों में जबरन भेजना अनुचित और एकतरफा है। इसके लिए अन्य स्टाफ की भी जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई की जाए। भोलानाथ पांडेय, प्रदेश अध्यक्ष, उच्च प्राथमिक अनुदेशक कल्याण समिति
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