दस हजार की पगार के लिए महीनों भटकते है शिक्षामित्र, जून माह का मानदेय न मिलने से रोष
एटा/ जलेसर । प्रदेश सरकार द्वारा इस आसमान छूती महंगाई में प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक की भांति कार्य करने वाले शिक्षामित्रों को सिर्फ दस हजार रुपये ही बतौर मानदेय दिया जाता है । वह मानदेय भी शिक्षामित्रों को कभी भी नियत समय पर भी नही मिलता है। शासन द्वारा जून माह का मानदेय बीते छह जून को ही निर्गत किया जा चुका है। मगर शिक्षामित्रों के खातों में अभी तक नहीं पहुंचा है। जिससे शिक्षामित्र परिवार के भरण पोषण के लिए चिंतित हैं।
उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सुधोतकर यादव, पंकज चैहान, होशियार सिंह, रामप्रताप सिंह, दिलीपराज सिंह, राघवेन्द्र सिंह जादौन, गजेन्द्र सिंह कुशवाह, जयपाल सिंह लोधी आदि शिक्षामित्रो के मुताबिक शिक्षामित्रों का मानदेय शासनादेश के अनुसार हर हाल में महीने की सात तारीख तक उनके खातों में पहुंचाया जाना नियत है। महानिदेशक शिक्षा विजय किरन आनद भी इस संदर्भ में विभागीय अधिकारियों को आदेशित कर चुके है। लेकिन जिला बेसिक योजना के अंतर्गत कार्यरत शिक्षामित्रों को नियत समय से मानदेय नहीं मिल पाता है।
उन्होंने बताया कि बेसिक योजना के शिक्षामित्रों के जून माह के मानदेय की ग्रांट 6 जून तथा एसएसए के शिक्षामित्रों की ग्रांट पन्द्रह दिन पूर्व आ चुकी है। मगर वित्त एवं लेखाधिकारी द्वारा उपस्थिति पत्र न आने का बहाना बनाकर शिक्षामित्रों के खातों में अभी तक मानदेय नही भेजा गया है। जिससे शिक्षामित्रों को हर माह आर्थिक तंगी से ही जूझना पड़ता है। परिवार के भरण पोषण में भी शिक्षामित्रों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
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