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माध्यमिक स्कूलों में पुरुषों के पद पर महिलाओं का कब्जा


प्रदेश के राजकीय इंटर कॉलेजों में महिला शिक्षिकाओं का दबदबा होने से न सिर्फ पुरुष शिक्षकों के पद कम होते जा रहे हैं बल्कि उनकी पदोन्नति के मौके भी घट रहे हैं। वर्तमान में इन कॉलेजों में पुरुष प्रधानाचार्यों व प्रधानाध्यापकों के लगभग 200 पदों पर महिलाओं का कब्जा है।

राजकीय इंटर कॉलेजों में पुरुषों व महिलाओं का अलग-अलग संवर्ग है। आयोग से दोनों के लिए अलग-अलग पद विज्ञापित होते हैं। पुरुष-महिला केवल अपने वर्ग में ही आवेदन भी कर सकते हैं। प्रदेश में बालकों के कुल 464 राजकीय इंटर कॉलेज और बालिकाओं के लिए कुल 434 राजकीय बालिका इंटर कॉलेज हैं। भर्ती और तैनाती की अलग-अलग प्रक्रिया के बावजूद वर्तमान में राजकीय इंटर कॉलेजों में पुरुषों के पदों पर महिला शिक्षकों की तैनाती कर दी गई है। कई राजकीय इंटर कॉलेजों में तो पुरुष अध्यापकों की संख्या महिलाओं से कम हो गई है।
पुरुष शिक्षकों का इसका सबसे बड़ा नुकसान यह हो रहा है कि आयोग को रिक्त पदों का अधियाचन भेजते समय पदों की संख्या कम होती जा रही है, क्योंकि महिला शिक्षक की तैनाती होने पर उस पद को भरा हुआ मान लिया जाता है। राजधानी लखनऊ में नौ इंटर कॉलेजों में से पांच में पुरुष और तीन में महिला प्रधानाचार्य हैं, जबकि एक में पद रिक्त है। इनमें पुरुष प्रवक्ता 26 हैं, जबकि महिला प्रवक्ता 35 हैं।

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