व्यावसायिक शिक्षकों को पांच साल बाद मानदेय वृद्धि की आस
प्रदेश के राजकीय और सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत तकरीबन 2200 व्यावसायिक शिक्षकों (अतिथि विषय विशेषज्ञों) को पांच साल बाद मानदेय वृद्धि की उम्मीद बंधी है। सोमवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में इन शिक्षकों को अनुमन्य मानदेय की दरों को पुनरीक्षित करने पर निर्णय होगा। माध्यमिक व्यावसायिक शिक्षक संघ मानदेय वृद्धि को लेकर कई बार आंदोलन कर चुका है।
माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व एमएलसी सुरेश कुमार त्रिपाठी भी लंबे समय से मानदेय वृद्धि के मुद्दे को लेकर सक्रिय हैं। व्यावसायिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष बच्चा लाल और प्रदेश कोषाध्यक्ष राम सिंह ने बताया कि माध्यमिक स्कूलों में 1989 से व्यावसायिक शिक्षा योजना संचालित है। वर्तमान में इन अतिथि विषय विशेषज्ञों को 15 हजार रुपये प्रतिमाह की दर से दस महीने का मानदेय मिलता है। आखिरी बार 2018 में इनके मानदेय में पांच हजार रुपये की वृद्धि की गई थी।
2008 में मिला था छठवें वेतनमान का लाभ
व्यावसायिक शिक्षकों को 2008 में छठवें वेतनमान का लाभ मिला था। उस समय मानदेय दस हजार रुपये किया गया था। ये शिक्षक हाईस्कूल और इंटर के छात्र-छात्राओं को ऑटोमोबाइल, परिधान रचना सज्जा, खाद्य एवं फल संरक्षण, फोटोग्राफी, हिन्दी व अंग्रेजी टाइपिंग समेत 67 प्रकार के ट्रेड की पढ़ाई करा रहे हैं। सुरेश कुमार त्रिपाठी का कहना है कि ऐसे समय में जब व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने पर जोर है इन शिक्षकों से भेदभाव कष्ट पहुंचाने वाला है।
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