30 जिलों के कस्तूरबा विद्यालयों में 50% से कम उपस्थिति
कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में छात्राओं की कम उपस्थिति पर महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने चिंता जताई है। 30 जिलों में छात्राओं की 50 प्रतिशत से भी कम हाजिरी पर महानिदेशक ने दो अगस्त को सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर स्वयं समीक्षा करते हुए प्रत्येक दशा में शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं।
प्रदेश के 73 जिलों में संचालित 746 कस्तूरबा विद्यालयों में मई और जुलाई महीने की उपस्थिति की समीक्षा प्रेरणा पोर्टल के माध्यम से की गई। सबसे कम हाजिरी बलिया में 28 प्रतिशत, हाथरस में 30 फीसदी और प्रतापगढ़ में 31 प्रतिशत मिली है। आजमगढ़, गाजीपुर और देवरिया में 34-34 प्रतिशत जबकि संत कबीर नगर व गौतमबुद्धनगर में 36-36 फीसदी उपस्थिति ही मिली है। महानिदेशक की ओर से बीएसए को भेजी गई सूची में सबसे टॉप पर 79 प्रतिशत हाजिरी के साथ महात्वाकांक्षी जिलों में शामिल फतेहपुर है। 74 फीसदी हाजिरी के साथ शाहजहांपुर दूसरे और 73 प्रतिशत उपस्थिति के साथ लखीमपुर खीरी तीसरे स्थान पर है।
बड़े जिलों में स्थिति औसत से बेहतर कस्तूरबा विद्यालयों में मई व जुलाई में छात्राओं की उपस्थिति बड़े जिलों में बेहतर है। लखनऊ में 66 प्रतिशत, कानपुर देहात 67, वाराणसी 57 व प्रयागराज में 53 हाजिरी रही।
आंकड़ों पर एक नजर
●73 जिलों में संचालित हैं कस्तूरबा आवासीय विद्यालय
●746 विकास खंडों में कक्षा 6 से 8 तक की पढ़ाई
●73383 छात्राएं पिछड़े क्षेत्रों की पंजीकृत हैं इन स्कूलों में
कस्तूरबा विद्यालय चाका में मैं स्वयं आज सुबह 8.15 बजे निरीक्षण करने पहुंचा तो देखकर अच्छा लगा कि बच्चे तैयार हो रहे थे। 100 में से 95 बच्चियां उपस्थित मिलीं। शंकरगढ़, कौड़िहार और सैदाबाद में उपस्थिति ठीक है। जिन विद्यालयों में कम उपस्थिति मिलेगी वहां के वार्डेन का वेतन रोका जाएगा। खंड शिक्षाधिकारी और एआरपी को उपस्थिति बढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई है।
प्रवीण कुमार तिवारी, बीएसए प्रयागराज
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