तिरंगे की शान के लिए आम-ओ-खास से टकराए शिक्षक शिवकुमार
कासगंज। वर्ष 2005 की बात है। डिग्री कालेज में शिक्षक कासगंज के गांव धंतोरिया निवासी शिव कुमार अपने कालेज जा रहे थे। रास्ते में सजे एक तोरण द्वार पर तिरंगा उल्टा लटका देखा तो सीधे एसडीएम के पास जा पहुंचे।
प्रशासन के साथ पुलिस की टीम पहुंची और ससम्मान राष्ट्रीय ध्वज को उतारकर प्रशासन के पास सुरक्षित रखवाया। किसी के लिए भी यह सामान्य घटना हो सकती है, मगर शिवकुमार के लिए राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान तब से जुनून बन गया है। अबतक 3300 से ज्यादा आनलाइन और आफलाइन शिकायत-प्रार्थना पत्र देकर राष्ट्रीय ध्वज के अपमान को रोका है। तिरंगा सेनानी के रूप में ख्यात शिवकुमार तिरंगा की शान को बचाने के लिए आम-ओ-खास से लेकर राष्ट्रपति भवन तक टकराए। ध्वज के सम्मान को लेकर चिंतित शिवकुमार ने सबसे पहले ध्वज संहिता का अध्ययन किया। उन्होंने 19 अक्तूबर 2012 में सूचना के अधिकार के तहत राष्ट्रीय ध्वज के संबंध में गृह मंत्रालय से जानकारियां मांगीं।
इसके बाद उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि जो जानकारियां उन्हें पैसे से प्रदान की गई हैं, जनहित में वह आम आदमी को मुफ्त मुहैया कराई जाएं। उनकी भावना का सम्मान करते हुए ध्वज संहिता और उससे संबंधित सभी नियम गृह मंत्रालय ने वेबसाइट पर अपलोड कर दीं।
किसान परिवार में जन्मे किसान परिवार में जन्मे डिग्री कालेज शिक्षक शिवकुमार ने एमएससी, एमए, कम्प्यूटर तक शिक्षा प्राप्त की है। उनके पिता कृषि विभाग के सेवानिवृत हैं। परिवार अभी भी खेती करता है। वर्ष 2002 से उन्होंने कागजी पत्र भेजकर सरकारी विभागों से प्रार्थना-शिकायत प्रारंभ कीं।
वर्ष 2013 से सिस्टम ऑनलाइन हुआ तो ऑनलाइन शिकायतें करने लगे, उन्होंने अपने डिजिटल सिग्नेचर भी बनाए। यही नहीं झंडा संहिता पालन व संप्रतीक के नियम का पालन कराने को बेबसाइटों, सोशल नेटवर्क पर निगरानी के लिए दो कंप्यूटर भी खरीदे। घूमते-फिरते बाहर रहने पर प्रयास न रुकें, इसके लिए लैपटॉप का प्रबंध भी किया। वह तब तक नहीं रुकते जब तक चीजें दुरुस्त न हो जाएं।
अगस्त 2022
पंचायत स्तर पर लोग झंडारोहण में शामिल हों, इसके लिए राष्ट्रपति, को पत्र भेजा, इसके बाद पंचायतों में सामूहिक झंडारोहण शुरू हुआ।
जुलाई 2022
आयकर विभाग की वेबसाइट चेक करने पर उस पर लगे झंडे में कुछ शब्द अंकित दिखे, उन्होंने पत्र भेजा तो झंडे के ऊपर से शब्द हट गए।
वंदेभारत से हटवाया तिरंगा
दिसंबर 2022 में एक वंदेभारत ट्रेन के उदघाटन पर शिवकुमार ने इंजन पर राष्ट्रीय ध्वज लगा देखा। ध्वज चालक दल के कमर के नीचे होने के साथ झंडे का अनुपात भी सही न देखकर शिव कुमार ने रेल मंत्रालय में शिकायत की। इसके उपरांत हाल में अब वंदे भारत ट्रेनों के शुभारंभ पर ध्वज को हटा लिया गया।
स्टेशनों पर तिरंगा लहराया
शिव कुमार ने बताया कि पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर, बरेली, बदायूं, कासगंज रेलवे स्टेशनों पर लगे पोल पर राष्ट्रीय ध्वज न फहरा देखकर पत्र भेजा। इसके बाद स्टेशनों पर तिरंगा झंडा फहराया गया। शिकायत के बाद बरेली, कासगंज स्टेशनों पर रात में रोशनी का प्रबंध हुआ। बरेली में सीसीटीवी निगरानी के प्रबंध हुए।
अगस्त 2021
कोटा, लखनऊ, बरेली, इज्जतनगर, कासगंज, एटा, मथुरा समेत कई रेलवे स्टेशनों पर ऊंचे तिरंगा झंडे फहराए गए। यह क्रम अभी भी जारी है।
अप्रैल 2020
एनसीईआरटी की पुस्तकों में राष्ट्रध्वज बैकग्राउंड में प्रकाशित था, उस पर राष्ट्रगान अंकित था। शिकायत की तो बैकग्राउंड से ध्वज हटा दिया गया।
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