शिक्षकों की सेवा सुरक्षा समाप्त होने से प्रधानाचार्यों/शिक्षकों में आक्रोश
प्रयागराज,। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग विधेयक में सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों एवं शिक्षकों की सेवा सुरक्षा और प्रधानाचार्य के पद पर तदर्थ पदोन्नति की व्यवस्था समाप्त करने को लेकर आक्रोश है। प्रधानाचार्य परिषद की आर्य कन्या डिग्री कॉलेज में शनिवार को हुई प्रदेश कार्यसमिति बैठक में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम की धारा 21 और 18 को नए आयोग में हटाने का प्रबल विरोध किया गया।
वक्ताओं ने कहा कि पेंशन व्यवस्था समाप्त होने के बाद यह दूसरा ऐसा कदम है, जिससे प्रदेश के प्रधानाचार्य और शिक्षकों की सेवाएं प्रभावित होंगी और उनको किसी भी समय सेवा से निकाला जा सकेगा। मुख्य अतिथि संगठन के मुख्य संरक्षक और भाजपा के पूर्व एमएलसी डॉ. यज्ञदत्त शर्मा ने कहा कि कल्याणकारी राज्य में इस तरह का कदम दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रदेश संरक्षक डॉ. जेपी मिश्रा ने कहा कि बायोमीट्रिक उपस्थिति की व्यवस्था प्रधानाचार्य और प्रबंधकों पर अविश्वास है।
बैठक में विभिन्न जिलों से आए 130 सदस्यों ने विचार रखें। सरकार से मांग की कि किसी प्रकार के शासनादेश निर्गत करने के पूर्व यह आवश्यक है कि प्रशासन प्रधानाचार्य, शिक्षाशास्त्रत्त्ी एवं शिक्षा से संबंधित अन्य लोगों से विचार विमर्श कर लें तभी शिक्षक और शिक्षा का हित होगा। विजय वैश्य ने कहा कि प्रबंधक, प्रबंध समिति और प्रधानाचार्य मिलकर ही संस्था को आगे बढ़ा सकते हैं। अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष बृजेश कुमार शर्मा ने की। स्वागत पंकज जायसवाल और धन्यवाद ज्ञापन प्रमोद कुमार त्यागी ने दिया।
Post a Comment