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हाल -ए -बेसिक 👉एक मास्साहब पर 2-2 परिषदीय स्कूलों की कमान, कैसे हो निपुण




कालपी। नगर में शिक्षा व्यवस्था चौपट हो चुकी है। कहीं शिक्षक नहीं तो कहीं कर्मचारियों के हाथ में विद्यालय की जिम्मेदारी है।

जिससे बच्चे पढ़ने कम मिडडे मील खाने ज्यादा आते हैं। बिना शिक्षक के बच्चे कैसे अपना भविष्य बना सकते हैं। एक तरफ शिक्षकों की नगर के विद्यालयों में कमी है तो दूसरी तरफ एक शिक्षक पर दो से तीन स्कूलों की जिम्मेदारी है।


नगर के मोहल्ला तरीबुल्दा स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय की व्यवस्थाएं ठीक नहीं हैं। यहां 25 छात्र पंजीकृत है, लेकिन पढ़ाने के लिए एक शिक्षक भी नहीं है। जिस शिक्षक की तैनाती है। उनके कंधों पर भी कई विद्यालयों का भार है। जिसके चलते आए दिन वह विद्यालय से नदारद रहते हैं। बच्चे सिर्फ मिडडे मील खाने आते हैं। बच्चों की उपस्थित भी रोजाना घटती जा रही है।





नगर क्षेत्र में विभाग के पास 21 परिषदीय विद्यालय हैं। जिसमें आठ उच्च प्राथमिक स्तर के हैं। जिनमें 1,400 बच्चे पंजीकृत हैं। उनको पढ़ाने के लिए महज 14 शिक्षकों की तैनाती की गई है। एक विद्यालय को दो शिक्षक भी नहीं मिल पाए हैं। जिन स्कूलों में एक शिक्षक तैनात है। वह भी आए दिन नदारद रहते हैं। जिससे विद्यालय खाली रहते हैं।





नगर के स्कूलों में जब-जब अधिकारी निरीक्षण करने आते हैं। उन्हें भी कोई न कोई कमी मिल जाती है। किसी भी स्कूल में सही शौचालय नहीं बना है। बैठने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं है। विद्यालय परिसर में गंदगी पसरी रहती है। जिसको आज तक नहीं बदला जा सका। कर्मचारी भी विद्यालयो के पास नहीं है। जो साफ-सफाई का काम कर सके।

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