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जनपद के 51 परिषदीय विद्यालयों में एक भी नियमित शिक्षक नहीं, शिक्षामित्र के सहारे स्कूल









केस-1



बरीकलां परिषदीय विद्यालय में 30 से अधिक बच्चे पंजीकृत हैं। साल 2017 तक एक नियमित शिक्षक की नियुक्ति थी। उनकी सेवानिवृत्ति के बाद किसी शिक्षक की नियुक्ति नहीं हुई और दूसरे स्कूल के शिक्षक पर बच्चों के पढ़ाई की जिम्मेदारी डाल दी गई है।



केस-2

भूहर परिषदीय विद्यालय में 60 बच्चे पंजीकृत हैं। साल 2019 में नियमित शिक्षक की सेवानिवृत्ति के बाद किसी नए शिक्षक को नियुक्ति नहीं दी गई। शिक्षामित्र के सहारे स्कूल संचालित किया जा रहा है।





केस-3

पंडितखेड़ा परिषदीय विद्यालय में करीब 40 बच्चे पंजीकृत हैं। साल 2018 में नियमित शिक्षक के देहांत के बाद किसी शिक्षक की नियुक्ति नहीं की गई। अन्य विद्यालय के शिक्षक की यहां ड्यूटी लगाई गई है।



सतीश संगम

लखनऊ। राजधानी के 51 परिषदीय विद्यालयों में एक भी नियमित शिक्षक नहीं हैं। इन विद्यालयों में करीब एक हजार बच्चे हैं, पर उनको पढ़ाने के लिए या तो शिक्षामित्र हैं या फिर वे भी नहीं हैं। सरोजनीनगर क्षेत्र के भाजपा विधायक राजेश्वर सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर शिक्षकों की कमी दूर करने की मांग उठाई है।

विधायक के पत्र पर अमर उजाला ने पड़ताल की तो यह आंकड़ा सही पाया गया। पड़ताल में कई ऐसे भी स्कूल मिले जहां एक भी शिक्षक नहीं है। शिक्षकों की कमी पर विपक्ष लगातार आवाज उठाता रहा है, अब सत्तारूढ़ भाजपा के विधायक ने भी स्वीकार किया है कि सरोजनीनगर सहित कई विधानसभा क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। शिक्षकों के अभाव से स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने का सपना अधूरा है। (संवाद)


150 हुए सेवानिवृत्त, नियुक्ति किसी की नहीं

नगर क्षेत्र के परिषदीय विद्यालय में 2011 के बाद न ही किसी शिक्षक की नियुक्ति हुई और न ही किसी का प्रमोशन हुआ। एक शिक्षक ने बताया कि अब तक 150 से अधिक शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं लेकिन उनकी जगह किसी और की नियुक्ति नहीं हो सकी।



शिक्षकों की कमी से निजी विद्यालयों का रुख कर रहे अभिभावक


विधायक ने अपने पत्र में कहा है कि क्षेत्र के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी से शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में छात्र-छात्राओं को शिक्षकों के अभाव से असुविधा होती है, जिसकी वजह से गरीब परिवार के बच्चों को मजबूरन निजी विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण करने के लिए जाना पड़ता है।



इन विद्यालयों में है शिक्षकों का अभाव

परिषदीय विद्यालय अमौसी, आजाद नगर , बेहसा-1, बेहसा-2,भक्तिखेड़ा, गौरी-1, गुड़ौरी-1, हैवतमऊ मवैया, मक्काखेड़ा, रहीमाबाद, नीलमथा, शकूरपुर, पंडितखेड़ा, मटियारी-1, शंकरपुरवा, बरौलिया-1, बाजार झाऊलाल, लोकमान्यगंज, मारवाड़ी गली, रानीगंज, उदयगंज, लामार्टीनियर का पुरवा, चक्करपुरवा, पिपराघाट, बरीकला, हसनपुरिया, कुण्डरी रकाबगंज, नौबस्ती, बलदेवदास,करेहटा, पुलगामा, पांडेय का तालाब, छन्दीइया, फर्रुखाबाद चिल्लावां, गंगादीन खेड़ा, सरोजनीगर हड़ाइन खेड़ा, तकरोही-1, तेलीबाग कन्या, बेहसा नवीन, अलीनगर सुनहरा, पंडित खेड़ा, नीलमथा, गहरू, चांदन, गाजीपुर बलराम, भूहर, लालाबाग, भमरौली शाहपुर, बरावन कला, माधौपुर आदि।



बच्चों की शिक्षा हो रही प्रभावित

राजधानी के परिषदीय विद्यालयों में लंबे अरसे से शिक्षकों की कमी है, नगर क्षेत्र में 2011 से किसी नए शिक्षक की नियुक्ति नहीं हुई है। स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन शिक्षकों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। विधायक ने अपने दायित्व का निर्वहन किया है, यह अच्छी बात है। हमारी मांग है कि शिक्षकों की भर्ती हो, ताकि शिक्षा व्यवस्था में सुधार हो
- अभय प्रकाश, मंत्री, महानगर इकाई, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ



सभी जगह मानक के अनुसार हैं शिक्षक

शिक्षा विभाग के मानक के अनुसार सरोजनीनगर क्षेत्र के परिषदीय स्कूलों में बच्चों की संख्या के आधार पर पर्याप्त मात्रा में शिक्षक तैनात हैं। फिलहाल किसी विद्यालय में नियमित शिक्षक नहीं हैं, इसकी लिस्ट मेरे पास नहीं है। अगर किसी भी विद्यालय में शिक्षकों की कमी की जानकारी मिलती है तो इसे दिखवाया जाएगा।

- राम प्रवेश, बेसिक शिक्षा अधिकारी

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