बेमेल टीडीएस के दावों को जल्द दुरुस्त कराएं : आयकर विभाग
आय कर बचाने के लिए मकान किराया भत्ता, स्वास्थ्य बीमा, होम लोन पर खर्च, 80-सी के तहत कर बचत निवेश में गड़बड़ी करने वालों को आयकर विभाग ने सलाह भेजना शुरू कर दिया है।
वित्तीय लेनदेन के बारे में जानकारी देने वाली रिपोर्टिंग इकाइयों में विदेशी मुद्रा डीलर, बैंक, एनबीएफसी, सब- रजिस्ट्रार, डाकघर, बॉन्ड / डिबेंचर जारीकर्ता, म्यूचुअल फंड ट्रस्टी, लाभांश का भुगतान करने वाली या शेयर वापस खरीदने वाली कंपनी शामिल हैं।
आयकर विभाग ने यह संचार टीडीएस एवं टीसीएस कटौतियों का आईटीआर सूचनाओं के साथ मिलान न होने पर विभाग की तरफ से सूचित किए जाने के बारे में सोशल मीडिया पर टिप्पणियां आने के बाद जारी किया है। कर निर्धारण वर्ष 2023-24 के लिए देर से रिटर्न जमा करने या उसमें संशोधन करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर, 2023 है।
कंपनियां टीडीएस की सही गणना करें
जानकारों का कहना है कि कानून नियोक्ता को जिम्मेदार बनाता है कि वह अपने कर्मचारियों के टीडीएस की सही गणना करे। हर तिमाही में इसकी रिपोर्ट करे, लेकिन परंपरागत रूप से कंपनियों का ध्यान कर्मचारियों द्वारा घोषणाओं का बारीकी से सत्यापित करने पर नहीं रहा है। कुछ मामलों में कर्मचारी समय पर वास्तविक दस्तावेज जमा नहीं करते हैं। इतना ही नहीं कई कंपनियां पेरोल जॉब आउटसोर्स करती हैं।
फर्जी दावे पर कर्मियों के रिकॉर्ड की जांच
किसी कर्मचारी के फर्जी दावे को कंपनियां स्वीकार करती हैं तो आयकर विभाग के तंत्र में यह खामी उजागर नहीं होती है। मगर, दो सूचनाओं में अंतर तुरंत पकड़ में आता है। यह मामला आयकर कार्यालय की पकड़ में आने पर पूरी संभावना है कि सभी कर्मचारियों के रिकॉर्ड की जांच की जा सकती। इसका उद्देश्य गलत दावों के आधार पर रिफंड के मामलों का जानना है, ताकि कंपनियां भविष्य में अधिक सतर्क रहे।
धारा 133-सी का बहुत कम उपयोग
वित्तीय वर्ष 2014-15 में धारा 133-सी की शुरुआत की गई थी। अब तक इसका कम ही उपयोग किया गया है। हाल में इसके तहत कई कंपनियों को नोटिस दिए गए हैं। यह अहम है कि कंपनी या कर्मचारियों के स्तर पर सिर्फ सही मामलों को ही जांच के लिए उठाया जाए
आवेदन में सुधार के लिए नया फॉर्म
टीडीएस क्रेडिट में गडबडी को अब आसानी से सुधार सकेंगे। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने अगस्त में नया इलेक्ट्रॉनिक एप्लीकेशन फॉर्म 71 जारी किया था। अगर, टीडीएस गलत साल में कटा है, तो आप इस फॉर्म के जरिए वर्ष बदलवाकर रिफंड का दावा कर सकते हैं। इसके लिए आयकर अधिनियम, 1962 में संशोधन किया गया है। इस फॉर्म के जरिए आप पिछले दो वर्ष की जानकारी ही अपडेट करा सकेंगे।
यहां से नया फॉर्म डाउनलोड करें
आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल https://
www.incometax.gov.in/ पर जाकर फॉर्म 71 डाउनलोड कर सकते हैं। फॉर्म में आपको आयकर घोषणा से संबंधित पूरी जानकारी दर्ज करनी होगी।
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