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तहसीलों में बिना तिथि, स्पष्ट मोहर व हस्ताक्षर मान्य नहीं



लखनऊ। राजस्व दफ्तरों में अब मेटल की मोहरें ही प्रयोग होंगी। साथ ही सभी बाबुओं, लेखपालों, कानूनगो के हस्ताक्षर के नमूने और कॉपी सभी एसडीएम के पास रहेंगे। कोई भी हस्ताक्षर बिना दिनांक और मोहर के मान्य नहीं होगा। यह निर्देश डीएम सूर्य पाल गंगवार ने मंगलवार को राजस्व कार्यों की समीक्षा बैठक में दिए हैं।

फर्जी हस्ताक्षरों के जरिए आदेश निकालने की पूर्व में कई घटनाएं हो चुकी हैं। सरोजनीनगर में पिछले वर्ष ही आठ राजस्व कर्मियों के फर्जी आदेश के जरिए जमीन कब्जे की घटना सामने आई थी। ऐसे में अब सावधानी बरती जा रही है। कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में डीएम ने कहा कि मेटल की मोहरों की कॉपी नहीं हो सकती। इसलिए अब इसका प्रयोग होगा। कार्यालय में जिस कर्मचारी के पास मोहर हो, उसे लिखित में प्रभार मिले। निर्देश दिया पांच वर्षों से अधिक समय से लम्बित मुकदमों को एक माह में निस्तारित करें। किसी तहसील में मुकदमे लम्बित रहते हैं तो संबंधित अफसर पर कार्रवाई होगी। समीक्षा के दौरान तेज निस्तारण मलिहाबाद में मिला। डीएम ने सात दिनों में रेरा के मुकदमों की वसूली का निर्देश दिया। तहसील के आधार पर आरसी की सूची तैयार की जाएगी। इसके बाद वसूली होगी।

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