टेट और पदोन्नति मामला✍️ राहुल पांडेय 'अविचल' की कलम से
टीईटी उत्तीर्ण की पदोन्नति में नियामवली में संशोधन बाध्यकारी नहीं है और जो टीईटी उत्तीर्ण नहीं हैं उनके लिए नियामवली में संशोधन करके तमिलनाडु सरकार हश्र देख चुकी है।
एनसीटीई का नोटिफिकेशन दिनांक 28/06/2018 आने के बाद 69000 भर्ती का विज्ञापन आ गया तब जाकर 23वा संशोधन हुआ। नियमावली में संशोधन तो दिनांक 1 अगस्त 2012 से दिनांक 6 दिसंबर 2012 तक मैं ही रुकवा चुका हूं। जब तक मेरे मनमुताबिक ड्राफ्ट नहीं दिखा मैं संशोधन नहीं होने दिया था।
मैं किसी भी रूप में एनसीटीई के वर्तमान नोटिफिकेशन के अनुसार पदोन्नति चाहता हूं, अर्थात हर TET उत्तीर्ण की पदोन्नति हो लेकिन पदोन्नति रुकने न पाए।
मिशन प्रमोशन ग्रुप के प्रयास से पदोन्नति का सिर्फ अंतिम चरण विद्यालय आवंटन शेष है, मुझे डर था कि कहीं माननीय कोर्ट यह न कह दे कि पहले नियमावली बदलो तब पदोन्नति करो, मगर कल माननीय उच्च न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया कि जो टीईटी उत्तीर्ण हैं उनकी पदोन्नति के लिए बेसिक शिक्षा नियमावली कोई बाधा नहीं है। मेरा व्यू है कि नियमावली में संशोधन होता रहे चाहे न हो उससे मेरा मतलब नहीं है। पदोन्नति को शीघ्र ही आरटीई एक्ट की रिक्तियों के सापेक्ष एनसीटीई के अनुपालन में कराना है यही मेरा मुख्य उद्देश्य है। जिसका कंसेंट सचिव साहब ने दिनांक 3 मई 2023 को भी माननीय कोर्ट में दिया था और दिनांक 4 जनवरी 2024 को सर्कुलर भी जारी किया कि एनसीटीई के नोटिफिकेशन के अनुसार पदोन्नति होगी। जिसको जिसे भी श्रेय देना हो दे, मुझे श्रेय और पैसा नहीं चाहिए। मैं संपूर्ण श्रेय अपने दोनों वकीलों को दे रहा हूं।
✍️ *राहुल पांडेय 'अविचल'*
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