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दस साल ही पद पर रह सकेंगे प्राचार्य


प्रयागराज। अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में प्राचार्यों की भर्ती अधिकतम दस साल के लिए की जाएगी। इससे पूर्व पिछले विज्ञापन के तहत प्राचार्यों की भर्ती कार्यकाल पूरा होने तक के लिए की गई थी। उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (यूपीएचईएससी) ने 2019 में प्राचार्य के 290 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया


था और 2021 में भर्ती पूरी कर ली गई थी। यह भर्ती यूजीसी रेगुलेशन 2010 के तहत की गई थी, जिसमें प्राचायों की भर्ती अधिवर्षिता आयु पूरी होने तक के लिए किए जाने का प्रावधान है। अशासकीय कॉलेजों में प्राचायों की अधिवर्षिता आयु 62 वर्ष निर्धारित की गई है। वहीं, प्राचार्य के पद पर अगली भर्ती यूजीसी रेगुलेशन-2018 के तहत होगी। पिछली भर्ती यूजीसी रेगुलेशन

2010 के तहत इसलिए की गई थी, क्योंकि प्राचार्य भर्ती का विज्ञापन जारी होने तक प्रदेश सरकार ने यूजीसी रेगुलेशन-2018 को लागू नहीं किया था। बाद में सरकार ने यूजीसी रेगुलेशन- 2018 को स्वीकार कर लिया और अब नई भर्ती 2018 के रेगुलेशन के आधार पर ही जाएगी।

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