नई खोज :EV कार में इस बैटरी के लगने से 1000 किलोमीटर मिलेगी रेंज, जानिए कौन सी है यह बैटरी
नई खोजों की बदौलत जल्द ही सॉलिड-स्टेट ईवी बैटरी की रेंज 1,000 किमी से भी ज्यादा होगी
इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) क्रांति में सॉलिड-स्टेट बैटरी (एसएसबी) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। इन बैटरियों में पारंपरिक लिथियम-आयन बैटरियों की तुलना में कई फायदे हैं, जिनमें अधिक ऊर्जा घनत्व, तेज़ चार्जिंग समय, बेहतर सुरक्षा, और लंबा जीवनकाल शामिल हैं।
हाल ही में, शोधकर्ताओं ने एसएसबी तकनीक में कई महत्वपूर्ण प्रगति की है। इन प्रगति ने 1,000 किलोमीटर से अधिक की सीमा वाली ईवी बैटरी विकसित करने की संभावना को जन्म दिया है।
एसएसबी की कुछ प्रमुख विशेषताएं:
- अधिक ऊर्जा घनत्व: एसएसबी में पारंपरिक लिथियम-आयन बैटरियों की तुलना में 2-3 गुना अधिक ऊर्जा घनत्व होता है। इसका मतलब है कि एसएसबी से लैस ईवी एक बार चार्ज करने पर अधिक दूरी तय कर सकती हैं।
- तेज़ चार्जिंग समय: एसएसबी को पारंपरिक लिथियम-आयन बैटरियों की तुलना में बहुत तेज़ी से चार्ज किया जा सकता है। कुछ एसएसबी को केवल 10-15 मिनट में 0% से 80% तक चार्ज किया जा सकता है।
- बेहतर सुरक्षा: एसएसबी में पारंपरिक लिथियम-आयन बैटरियों की तुलना में बेहतर सुरक्षा होती है। एसएसबी में आग लगने या विस्फोट होने की संभावना कम होती है।
- लंबा जीवनकाल: एसएसबी का जीवनकाल पारंपरिक लिथियम-आयन बैटरियों की तुलना में अधिक होता है। एसएसबी 10-15 साल तक चल सकती हैं।
एसएसबी तकनीक में हालिया प्रगति:
- कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले के शोधकर्ताओं ने एक नया एसएसबी इलेक्ट्रोलाइट विकसित किया है जो पारंपरिक इलेक्ट्रोलाइट्स की तुलना में अधिक ऊर्जा घनत्व और बेहतर सुरक्षा प्रदान करता है।
- सॉलिड पॉवर नामक एक स्टार्टअप ने एक एसएसबी बैटरी विकसित की है जिसे केवल 15 मिनट में 0% से 80% तक चार्ज किया जा सकता है।
- टोयोटा ने 2025 तक एसएसबी बैटरी से लैस इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में लाने की योजना बनाई है।
एसएसबी के संभावित प्रभाव:
एसएसबी के विकास का ईवी उद्योग पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। एसएसबी से लैस ईवी अधिक किफायती और व्यावहारिक होंगी, जिससे ईवी अपनाने की दर में वृद्धि होगी। एसएसबी के विकास से बैटरी उत्पादन में भी क्रांति आएगी, जिससे नए रोजगार और आर्थिक विकास होगा।
निष्कर्ष:
एसएसबी ईवी उद्योग का भविष्य हैं। एसएसबी में ईवी को अधिक किफायती, व्यावहारिक और पर्यावरण के अनुकूल बनाने की क्षमता है। एसएसबी के विकास के साथ, ईवी जल्द ही पारंपरिक गैसोलीन-संचालित वाहनों का स्थान ले लेंगे।
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