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शिक्षामित्र के सहारे एक कमरे में पांच कक्षाएं


लखनऊ। पहली से लेकर पांचवीं तक की हर कक्षा और विषय का पाठ्यक्रम अलग है। शिक्षक और अधिकारी दोनों इसे अच्छी तरह से जानते हैं। इसके बावजूद राजधानी के वीआईपी क्षेत्र से महज एक किलोमीटर के दायरे में बसे लामार्टीनियर पुरवा के प्राथमिक विद्यालय का हाल बुरा है।

विद्यालय में बुधवार को केवल एक शिक्षामित्र की मौजूदगी थी। उन्होंने एक ही छत के नीचे पांच कक्षाएं लगा रखी थीं। कक्षा एक से लेकर पांच तक के बच्चे एक साथ कैसे पढ़ाई करते होंगे, बताने की जरूरत नहीं है।


अमर उजाला अभियान के तहत बुधवार को नगर क्षेत्र स्थित लामार्टीनियर पुरवा प्राथमिक विद्यालय का जायजा
लिया गया। यह क्षेत्र मुख्यमंत्री आवास के अलावा अधिकारियों की कॉलोनी से भी

महज एक किलोमीटर के दायरे में है। इस समय यहां एक भी नियमित शिक्षक नहीं है। विद्यालय खोलने की जिम्मेदारी दो शिक्षामित्रों पर है। इनमें से एक बुधवार को छुट्टी पर थे। ऐसे में दूसरी शिक्षामित्र ने सभी बच्चों को एक ही कमरे में बिठाकर पढ़ाया। उनका कहना था कि अलग अलग बिठाने पर बच्चे शोर करते हैं।

गंदगी से डेंगू-मलेरिया का खतरा वॉशरूम तक के लिए पानी नहीं : विद्यालय में जहां बैठकर बच्चे पढ़ाई करते हैं, वहीं पर गंदगी का अंबार है। इससे डेंगू-मलेरिया जैसे बीमारी फैलने का डर रहता है। स्कूल परिसर में छात्रों के पीने के लिए साफ पानी की व्यवस्था तो दूर वॉशरूम के लिए भी पानी का इंतजाम नहीं है। यहां सालों से मोटर खराब है। बारिश में छत से पानी टपकता है। वॉशरूम जाने से पहले बच्चे बाहर से लाकर पानी की व्यवस्था करते हैं। स्कूल में दो कमरे हैं, उनमें भी एक पर टिन शेड है। गर्मी में
उमस और गर्मी झेलनी पड़ती है।


आधे से ज्यादा बच्चे बिना यूनिफॉर्म के मिले

प्राथमिक स्कूल के आधे से अधिक बच्चों के तन पर स्कूली यूनिफॉर्म नहीं थी। किसी के पैर में चप्पल थी तो कोई नंगे पांव ही पहुंचा था। यह पूछे जाने पर कि बच्चों के पास यूनिफॉर्म क्यों नहीं है तो एक बच्चे ने कहा कि कपड़े के लिए पिता के बैंक खाते में पैसा नहीं पहुंचा। किसी ने कहा, अभी प्रवेश लिया है। बेसिक शिक्षा विभाग ने गत सप्ताह डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिए अभिभावकों के बैंक खाते में 1200 रुपये भेजने का दावा किया है। हालांकि काफी अभिभावकों के खाते में धनराशि नहीं पहुंची है।

निपुण के लिए हुए
स्कूली बच्चों को निपुण बनाने के लिए विद्यालय में पर्याप्त व्यवस्था की गई है। कंपोजिट ग्रांट से स्कूल की सफाई कराने के आदेश है। शिक्षकों की कमी दूर हो, इसके लिए समायोजन की तैयारी की जा रही है।
प्रमेंद्र शुक्ला, खंड शिक्षा अधिकारी

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