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महिलाओं से तय समय से ज्यादा न लिया जा सकेगा काम, घर भी छोड़ेगी उप्र पुलिस


कोलकाता के सरकारी अस्पताल में दुस्साहसिक वारदात के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित कराने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। कार्यस्थल व सार्वजनिक स्थलों पर महिलाओं के सुरक्षा प्रबंधों को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। सभी सरकारी और निजी संस्थानों में महिलाकर्मियों से तय समय से ज्यादा काम न लेने व रात में जरूरत पड़ने पर पुलिस वाहन (पीआरवी) से घर पहुंचाने की व्यवस्था का भी निर्देश दिया गया है।


अपर मुख्य सचिव, गृह दीपक कुमार ने विभिन्न कार्यालयों, प्रतिष्ठानों व स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यरत महिलाओं की सुरक्षा के लिए विस्तृत निर्देश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि रात में आवागमन के दौरान उनके सुरक्षा प्रबंधों व कार्यस्थल के नियमित सुरक्षा आडिट पर जोर दिया गया है। महिलाओं के लिए कार्यस्थल में अलग व सुरक्षित विश्राम कक्ष व प्रसाधन अनिवार्य रूप से होना चाहिए। कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध व निवारण) अधिनियम-2013 के तहत एक आंतरिक शिकायत समिति के गठन व अन्य निर्देशों का भी पालन

सुनिश्चित कराने को कहा गया है। शासन प्रदेश की हर महिला को विधिक समानता, उनकी गरिमा व सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संकल्पित है। महिला सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन के लिए मिशन शक्ति अभियान चल रहा है। अपराधियों के प्रति जीरो टालरेंस की नीति है। कार्यस्थल पर महिला उत्पीड़न व हिंसा रोकने के लिए सुनिश्चित किया जाए कि इन्हें निर्धारित समय से अधिक ड्यूटी न करनी पड़े। नियोक्ता उनके लिए विश्वसनीय
व निगरानी वाली परिवहन सेवा की व्यवस्था करें, जिससे महिलाएं बिना डर के कार्यस्थल पर आ-जा सकें। कार्यस्थल परिसर की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे, एक्सेस कंट्रोल सिस्टम व सुरक्षाकर्मियों की तैनाती अवश्य हो। संस्थान के सभी कर्मचारियों को पहचान पत्र दिए जाएं। आपातकालीन नंबर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित हो व चौबीस घंटे नामित अधिकारी उपलब्ध रहे। आगंतुकों का ब्योरा रजिस्टर पर जरूर दर्ज किया जाए। नियमित सुरक्षा आडिट कराने का निर्देश दिया गया है।



महिला कर्मियों के आवागमन मार्गों पर चिह्नित हों हाट स्पाट

महिलाकर्मियों के आवागमन मार्गों पर हाट स्पाट चिह्नित कर वहां सुरक्षा प्रबंध कराए जाने, रात्रि 10 बजे से सुबह छह बजे के मध्य महिलाओं की मांग के अनुरूप यूपी 112 की एस्कार्ट सेवा का प्रचार-प्रसार कराए जाने, परिवहन निगम की बसों व टैक्सी के लिए ड्राप आफ प्वाइंट चिह्नित कर वहां प्रकाश की व्यवस्था व सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाने का निर्देश भी दिया गया है।

पुलिस को ये भी निर्देश

पुलिस को रात में काल सेंटर, स्वास्थ्य
संस्थानों, कार्यालयों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, माल, सिनेमा घर, होटल, रेलवे स्टेशन, बस अड्डा की सूची बनाकर सुरक्षा प्रबंध कराने का निर्देश दिया गया है। इन स्थलों के मार्गों पर संवेदनशील स्थान चिह्नित कर वहां यूपी 112 की पीआरवी तैनात कराने को कहा गया है। काल सेंटर, आफिस व अन्य स्थलों पर तैनात निजी सुरक्षाकर्मियों को महिला सुरक्षा से जुड़े बिंदुओं के प्रति सतर्क किए जाने, कार्यस्थल के संचालकों व महत्वपूर्ण व्यक्तियों से गोष्ठी कर प्रभावी संवाद बनाए जाए।



आत्मरक्षा का प्रशिक्षण

महिलाकर्मियों को सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के साथ आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिलाए जाने का निर्देश दिया गया है। उन्हें बिना भय के हिंसा, उत्पीड़न व सुरक्षा से जुड़ी शिकायत करने के लिए शिक्षित भी किया जाए। यूपी 112, 1090, 181 समेत अन्य हेल्पलाइन नंबरों व आपात सहायता सेवाओं का प्रचार-प्रसार किया जाए


स्वास्थ्य संस्थानों में महिला से हिंसा या बदसलूकी पर होगी कठोर कार्रवाई

स्वास्थ्य संस्थानों में महिला व अन्य कर्मियों से हिंसा व बदसलूकी करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया है। अपर मुख्य सचिव, गृह ने सभी मंडलायुक्त, पुलिस आयुक्त, डीएम, एसएसपी-एसपी, सीएमओ, सभी विभाग व कार्यालय अध्यक्ष को निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के लिए कहा है।

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