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शिक्षकों के ट्रांसफर-समायोजन की प्रक्रिया स्पष्ट करने का निर्देश


हाई कोर्ट ने कहा, बेसिक शिक्षा परिषद व अपर मुख्य सचिव दें व्यक्तिगत शपथपत्र

आज फिर होगी सुनवाई, तब तक बेसिक स्कूलों के अध्यापकों के तबादले पर रोक


प्रयागराज : इलाहाबाद
हाई कोर्ट ने परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के स्थानांतरण व समायोजन के लिए पारदर्शी प्रक्रिया अपनाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज व अपर मुख्य सचिव (बेसिक शिक्षा) से व्यक्तिगत हलफनामे में छात्र-अध्यापक अनुपात पर सरप्लस अध्यापकों की पहचान, उनके समायोजन एवं उन्हें चिन्हित करने का तरीका स्पष्ट करने का निर्देश दिया है। साथ ही याचिका की अगली सुनवाई तिथि आठ अगस्त तक स्थानांतरण पर रोक लगा दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह तथा न्यायमूर्ति डोनादी रमेश की खंडपीठ ने प्रयागराज की नीरजा व 50 अन्य सहायक अध्यापकों की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।

याचीगण का कहना है कि स्थानांतरण व समायोजन के गोविंद कौशिक व 116 अन्य के ऐसे ही केस में हाई कोर्ट ने शिक्षा निदेशक (बेसिक) से जानकारी लेकर याचिका निस्तारित कर दी थी और कार्यवाही छह सप्ताह में पूरी करने का निर्देश दिया था। निदेशक ने कोर्ट को बताया था कि निश्शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली 2011 के नियम 10 के अनुरूप सत्र 2024-


25 जो 11 अप्रैल 2024 से शुरू हुआ है, में 30 जून तक स्कूलों में छात्र संख्या व अध्यापक के अनुपात को आधार मानकर समायोजन तथा स्थानांतरण किया जाएगा। कोर्ट ने तब छह सप्ताह में लिस्ट तैयार करने का आदेश देते हुए कहा था कि फिर से वाद कारण उत्पन्न हो तो दोबारा कोर्ट आ सकते हैं।

खंडपीठ ने कहा, 'उम्मीद थी कि राज्य प्राधिकारी छात्र-अध्यापक अनुपात के अनुसार सरप्लस अध्यापकों का पता कर जिले में वरिष्ठता के अनुसार तैनाती का पुनर्निधारण कर लेंगे।'

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