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बेसिक की शिक्षिका ने हिंदू छात्रों के माथे से पोंछवाया तिलक… चोटी काटने की बात, बीएसए तक पहुंचा मामला

 

बिजनौर। उच्च प्राथमिक विद्यालय में मुस्लिम शिक्षिका द्वारा हिंदू समुदाय के बच्चों को तिलक लगाकर आने से मना करने का मामला प्रकाश में आया है। यही नहीं शिक्षिका ने विद्यार्थियों को चोटी न रखने और बढ़ी हुई चोटी कटवाने की भी चेतावनी दी है। वहीं, हिंदू शिक्षिका ने मुस्लिम समुदाय के बच्चों को टोपी न पहनकर निर्धारित ड्रेस में ही विद्यालय आने की सलाह दी है।



यह है पूरा मामला

उच्च प्राथमिक विद्यालय भनेड़ा में कक्षा छह, सात और आठ में लगभग 335 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं, जिनमें से करीब आधे-आधे दोनों समुदाय के विद्यार्थी शामिल हैं। गांव भनेड़ा स्थित विद्यालय में मुख्य अध्यापक राजेंद्र सिंह, शिक्षक  मुख्तार, शिक्षिका उषा और तनवीर आयशा कार्यरत हैं।



आरोप है कि शिक्षिका तनवीर आयशा ने हिंदू समुदाय के बच्चों को तिलक लगाकर स्कूल आने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कुछ बच्चों के माथे से तिलक पोंछवा दिया और बच्चों को चोटी नहीं रखने तथा बढ़ी हुई चोटी कटवाने की चेतावनी भी दे रही हैं। वंश, यश, प्रिंस, कृष्ण आदि कई छात्रों ने इसकी शिकायत अपने अभिभावकों से की तो उनमें रोष व्याप्त हो गया। 


दूसरे समुदाय के बच्चों टोपी पहनने पर मनाही

उधर, शिक्षिका उषा पर भी दूसरे समुदाय के बच्चों से टोपी नहीं पहन कर आने को कहने का आरोप है। वह बच्चों से स्कूल की निर्धारित ड्रेस में आने को कह रही है।


मुख्य अध्यापक राजेंद्र सिंह ने बताया कि अभिभावकों द्वारा स्कूल में शिक्षिकाओं द्वारा तिलक लगाकर नहीं आने तथा चोटी कटवाने की चेतावनी देने और टोपी पहनकर न आने से मना करने को कहने की शिकायत की है। 


उन्होंने बताया कि शुक्रवार को एक शिक्षक द्वारा कुछ मुस्लिम बच्चों को मस्जिद में ले जाकर नमाज अदा करवाने की शिकायत भी की गई है। उन्होंने अपने अधिकारियों को पूरे प्रकरण की जानकारी दे दी है। 


खंड शिक्षा अधिकारी सूर्यकांत गिरि ने बताया कि घटना सही है। उन्होंने विद्यालय में पहुंचकर बच्चों से स्वयं जांच पड़ताल की है। आरोपी शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी। जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है। 


बीएसए योगेंद्र कुमार ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। बीईओ किरतपुर को जांच के निर्देश दिए गए हैं। जांच रिपोर्ट आने पर कार्रवाई तय की जाएगी। उन्होंने मुस्लिम शिक्षक द्वारा धार्मिक कपड़े पहनकर आने पर कहा कि शिक्षक की ड्रेस सामान्य होनी चाहिए। इसका पालन न करने वाले भी कार्रवाई के दायरे में आएंगे।

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