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पैसा मिलने के बाद भी अभिभावक नहीं दिला रहे यूनिफॉर्म

 

लखीमपुर खीरी। परिषदीय स्कूलों के करीब 3.50 लाख बच्चों को शासन की ओर से यूनीफॉर्म, जूते-मोजे के लिए 1200 रुपये की धनराशि भेजी जा चुकी है। डीबीटी की यह राशि अभिभावक घर के निजी कार्य में खर्च कर रहे हैं। लिहाजा आज भी स्कूलों के बच्चों रंगबिरंगे कपड़ों में दिखाई दे रहे हैं।

जिले में 3106 परिषदीय स्कूलों का संचालन किया जा रहा है। बच्चों के लिए यूनीफॉर्म निर्धारित है। कई बच्चे यूनिफार्म नहीं खरीद पा रहे थे तो शासन ने महत्वपूर्ण योजना के तहत बच्चों को 1200 रुपये की धनराशि डीबीटी के माध्यम भेजना शुरू किया। अभिभावक इस राशि से बच्चों को यूनिफॉर्म, जूता-मोजा, बैग और जरूरी स्टेशनरी की खरीदारी करते हैं। देखा जा रहा है कि आज भी जिले में हजाराें बच्चे ऐसे हैं, जो धनराशि मिलने के बाद भी रंग-बिरंगे कपड़ों में स्कूल आ रहे हैं।



रुपये मिलने के बाद भी अभिभावकों ने उन्हें यूनिफॉर्म नहीं दिलाई है। बच्चे पुरानी यूनिफॉर्म पहनकर, हवाई चप्पलों में स्कूल आ रहे हैं। अभिभावकों के उक्त धनराशि को निजी खर्च में लगाने के मामले सामने आए हैं। बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि बच्चे यूनीफॉर्म में आएं, इसको लेकर बीईओ के साथ ही विद्यालय की प्रधानाध्यापक को निर्देश जारी किए जा चुके हैं। सरकारी धनराशि का दुरुपयोग करना गलत है। जल्द ही ऐसे छात्र-छात्राओं को चिह्नित करते हुए अभिभावकों को नोटिस दिए जाएंगे


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अभी तक साढ़े तीन लाख बच्चों को दी जा चुकी है धनराशि

परिषदीय स्कूलों में अध्ययनरत साढ़े पांच लाख बच्चों में से साढ़े तीन लाख छात्र-छात्राओं को 1200 रुपये की धनराशि दी जा चुकी है। साथ ही अन्य छात्राओं को डाटा पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है। जिन छात्र-छात्राओं के आधार और अन्य दस्तावेजों की कमियां हैं, उन्हें दूर कराया जा रहा है। जैसे ही कमियां दूर हो जाएंगी बच्चों के अभिभावकों को धनराशि भेज दी जाएगी।

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