विलंबित आयकर रिटर्न में गलती होने पर नोटिस आएगा, इन गलतियों से बचें
नई दिल्ली, । जिन करदाताओं ने समय पर आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है, उनके पास विलंबित रिटर्न भरने करने का विकल्प है। हालांकि, इसके लिए उन्हें जुर्माना चुकाना होगा। साथ ही उनके लिए कई सुविधाएं भी समाप्त हो जाएंगी, इसलिए उन्हें सावधानी से रिटर्न फॉर्म भरना होगा। चूक होने पर आयकर विभाग उन्हें नोटिस भेज सकता है।
5000 रुपये तक का विलंब शुल्क : आयकर कानून के अनुसार, अगर किसी करदाता की कुल आय पांच लाख रुपये से अधिक है तो विलंब शुल्क पांच हजार रुपये चुकाना होगा। अगर कुल आय पांच लाख रुपये से कम है तो एक हजार रुपये चुकाने होंगे। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए विलंबित आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2024 है।
सावधानी से दाखिल करें फॉर्म : कर सलाहकार कहते हैं कि आईटीआर भरते समय बेहद सावधानी बरतने की जरूरत होती है। यदि करदाता फॉर्म में गलत जानकारी भरता है तो आयकर विभाग नोटिस भेज सकता है। गलत फॉर्म जमा करने पर आईटी विभाग इसे अमान्य मानकर खारिज कर सकता है। जानबूझकर कम जानकारी देने या गलत आईटीआर फॉर्म चुनने से आय का निर्धारण गलत हो सकता है। ऐसे में कर चोरी का मामला बन सकता है।
इन गलतियों से बचें
1. विलंबित आईटीआर दाखिल करने पर पुरानी कर व्यवस्था का लाभ नहीं मिलेगा, इसलिए नई कर व्यवस्था के तहत ही इसे दाखिल करें।
2. देय आयकर की गणना नई व्यवस्था के मुताबिक ही करें।
3. तय तिथि तक आईटीआर जमा करने से रिफंड पर ब्याज मिलता है। विलंबित आईटीआर में इसका दावा न करें।
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