शिक्षक दिवस पर इन 10 लाइन में दें सबसे सटीक व छोटा भाषण
शिक्षक दिवस का अवसर आ गया है, ऐसे में स्कूली छात्र इस मौके पर सभी टीचरों, प्रिंसिपल व सहपाठियों को अपनी प्रतिभा का परिचय कराएं। शिक्षक दिवस पर 10 लाइन में दें यह छोटा व दमदार भाषण, लोग आपके मुरीद हो जाएंगे क्योंकि इन 10 लाइन्स से आप वो बहुमूल्य जानकारी लोगों तक पहुंचा सकेंगे जिन्हें जानने के लिए कई किताबें पढ़नी होती हैं। तो आइये जानें वो Teachers Day Speech in 10 lines for Students
शिक्षक दिवस पर कहिए
1. आज शिक्षक दिवस है, इस दिन को हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है, क्योंकि इस दिन डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जो एक देश के सबसे महान दार्शनिक में से एक थे।
2. डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जिन्होंने दुनिया को भारत के दर्शन शास्त्र से परिचय कराया। जिन्होंने दर्शनशास्त्र और धर्म पर कई किताबे लिखीं।
3. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने पंडित जवाहर लाल नेहरू के कहने पर 1947 से 1949 तक संविधान सभा के सदस्य के तौर पर काम किया है।
4. डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने 10 सालों तक उपराष्ट्रपति का पद संभाला, फिर उन्हें राष्ट्रपति बनने का गौरव मिला। वे देश के दूसरे राष्ट्रपति बने। देश के पहले राष्ट्रपति का नाम डॉ राजेंद्र प्रसाद था।
5. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को मद्रास के चित्तूर जिले के तिरुत्तनी गांव के एक तेलुगु भाषी ब्राह्मण परिवार में हुआ था, उनकी उपलब्धियां इतने सम्मान के लायक थी कि यूनेस्को ने 1994 में 'शिक्षक दिवस' मनाने के लिए 5 सितंबर का दिन चुना।
6. डॉ. राधाकृष्णन को 'भारत रत्न', 'पीस प्राइज आफ द जर्मन बुक ट्रेड' और 'विश्व शांति पुरस्कार' से सम्मानित किया चुका है। इसके अलावा उन्हें 'सर की उपाधि' और 'ऑर्डर ऑफ मेरिट' भी मिल चुका है।
7. शिक्षक दिवस यानी टीचर्स डे पर हम एक और महान हस्ति के बारे में जानेंगे जिनका नाम है सावित्रीबाई फुले।
8. Savitribai Phule जो कि देश की पहली महिला शिक्षक थीं। आप सब को गौर करना चाहिए कि Savitribai Phule की शादी मात्र 9 बरस की उम्र में कर दी गई थी। उनके पति का नाम ज्योतिराव फुले था। तब भी वो रुकी नहीं और देश की पहली महिला शिक्षक बनने का गौरव हासिल किया।
9. Savitribai Phule का जन्म 3 जनवरी, 1831 को महाराष्ट्र के सतारा जिले के नायगांव में हुआ था। वे सामाजिक कार्यकर्ता, कवयित्री भी रह चुकी हैं। Savitribai Phule ने जाति प्रथा के खिलाफ आवाज उठाई, दहेज प्रथा के खिलाफ लड़ाई लड़ी और महिला सशक्तिकरण के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया।
10. Savitribai Phule ने पढ़ाई पूरी करने के बाद टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए खुद को रजिस्टर किया और भारत की पहली महिला शिक्षिका बनीं।
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