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फिरोजाबाद: बारिश से ठहरी जिंदगी, आज 12वीं तक स्कूल बंद

 


फिरोजाबाद, बुधवार का सवेरा बूंदाबांदी के साथ में हुआ। सुबह से लेकर देर रात तक बारिश जारी रही। कभी तेज तो कभी रिमझिम फुहारों के बीच में जिंदगानी भी ठहरी-ठहरी दिखाई दी। देर रात डीएम रमेश रंजन ने गुरुवार को बारिश के चलते 12वीं तक के स्कूल बंद करने के आदेश जारी किए।


मंगलवार रात से ही आसमान में बादल छाए हुए थे। आठ बजे से बिजली कड़कड़ा रही थी। देर रात में बूंदबांदी का सिलसिला रुक-रुक कर शुरु हुआ, जो सुबह तक जारी रहा। लोग सुबह छह बजे सोकर उठे तो आसमान में घने बादल छाए हुए थे तथा बूंदाबांदी जारी थी। कई घरों में इसके चलते सवेरा भी देर से हुआ। बूंदाबांदी को देख कर लोग देर तक घर में ही रहे। सुबह लगातार होने वाली बूंदाबांदी कभी रिमझिम फुहारों में बदल जाती, लेकिन थमी नहीं। कुछ देर के लिए फुहारें काफी हल्की होती, लेकिन फिर से तेज हो जातीं। इससे लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। नौकरीपेशा तो जैसे-तैसे रेनकोट एवं छाते का सहारा लेकर घरों से निकल गए, लेकिन बाजार एवं अन्य कार्य से जाने वालों ने बरसात को देखते हुए अपना कार्यक्रम बदल दिया। दोपहर भर रिमझिम फुहारों के बाद में शाम साढ़े तीन बजे करीब फिर तेज बरसात शुरू हो गई। इससे राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हाईवे पर दोपहिया वाहन चालकों ने बरसात को देखते हुए वाहन रोक दिए, लेकिन बरसात में भींगने से नहीं बच सके। सर्विस रोड पर भी जगह-जगह जलभराव की स्थिति बन गई। शाम छह बजे तक रिमझिम फुहारों के बीच में तेज बूंदाबांदी का सिलसिला जारी रहा।



भीगते हुए घर पहुंचे छात्र-छात्राएं दोपहर में कोचिंग पढ़ने के लिए निकलने वाले छात्र-छात्राओं को भी बरसात से परेशानी का सामना करना पड़ा। बूंदाबांदी का सिलसिला न रुकने के कारण छात्र-छात्राएं भी भींगते हुए अपने घर पहुंचे। शाम के वक्त निकलने वालों को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ा। सुबह के वक्त तो बूंदाबांदी का सिलसिला फुहारों के रूप में था, लेकिन शाम को तेज बूंदाबांदी घंटों तक जारी रही। इसके चलते राहगीरों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा।


सरकारी शिक्षक परेशान, भींगते हुए पहुंचे स्कूल फिरोजाबाद में सुबह बूंदाबांदी को देख परिषदीय शिक्षक रेनी डे होने का इंतजार करते रहे, लेकिन रेनी डे नहीं हुआ। इस पर कई शिक्षक भींगते हुए अपने स्कूलों में पहुंचे। इस संबंध में शिक्षकों का कहना है कि कई शिक्षकों के स्कूल 50 से 60 किमी दूर हैं। बरसात होने के बाद भी विभाग एवं जिला प्रशासन सुबह के वक्त फैसला नहीं ले पाते हैं, इस स्थिति में शिक्षकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। शिक्षकों ने मांग की है कि मौसम को देखते हुए अवकाश को लेकर प्रशासन एवं विभाग को इस संबंध में जल्द फैसला लेना चाहिए।


अभिभावकों ने बच्चे नहीं भेजे स्कूल


सुबह लोग सोकर उठे तो बूंदाबांदी का सिलसिला चल रहा था। कई अभिभावकों ने बरसात बंद होने की उम्मीद में बच्चों का लंच तैयार कर दिया तथा बच्चों को भी तैयार कर लिया, लेकिन बरसात बंद नहीं हुई। बरसात को देखते हुए अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा। जो बच्चे वैन से जाते थे, वो जरूर स्कूल पहुंचे। कुछ स्कूलों में बरसात को देखते हुए रेनी डे घोषित कर दिया। वहीं जहां पर छुट्टी नहीं हुई, वहां भी स्कूल पहुंचने वाले बच्चों की संख्या कम रही।


बरसात में गिरी कंपोजिट स्कूल की छत


फिरोजाबाद। संविलियन विद्यालय गडौरा में पुराने जर्जर भवन के एक कक्षा कक्ष की छत बरसात के दौरान गिर गई। छत गिरने की जानकारी मिलने पर यहां लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई। हालांकि बताया जाता है कि इस कक्ष में शिक्षण कार्य नहीं होता है। स्कूल का यह हिस्सा जर्जर हाल में है तथा इसमें शिक्षण कार्य पहले ही बंद है।

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