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गर्मी से 13 छात्राएं बेहोश

सिरौलीगौसपुर (बाराबंकी)। राजकीय इन्टर कालेज सिरौलीगौसपुर में एक घंटे बिजली कटी रही, तो जनरेटर चलाने के लिए डीजल तक नहीं था। जब तक डीजल मंगाया जाता उमस से बेहाल होकर 13 छात्राएं बेहोश होकर कक्षा में गिर गई। अचानक छात्राओं के बीमार होने की सूचना पर हड़कंप मच गया। आनन फानन छात्राओं को संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। मौके पर पहुंची एसडीएम ने छात्राओं का हाल जाना और स्कूल पहुंच मामले की जांच की। अभिभावकों में आक्रोश देखने को मिला।


राजकीय इंटर कॉलेज सिरौलीगौसपुर में करीब 12 बजे बिजली गुल हो गई। उस समय अध्यापक कक्षा में पढ़ा रहे थे। एक घंटे तक बिजली न आने पर उमस से छात्राएं बेहाल होने लगी। छात्रों ने इसकी सूचना प्रधानाचार्य अनंत यादव को दी। उन्होंने जनरेटर चलाने को कहा। कर्मचारी पहुंचा तो जनरेटर की टंकी में डीजल तक नहीं था। इसी बीच उमस से बेहाल हो रही छात्राओं ने कक्षा से बाहर जाने की बात कही तो शिक्षकों ने निकलने नहीं दिया। एक घंटे उमस से परेशान छात्राएं एक के बाद एक बेहोश होकर गिरने लगी। अचानक
छात्राओं के बेहोश होने पर शिक्षकों व प्रधानाचार्य के हाथ पांव फूल गए। 108 नंबर एम्बुलेंस बुलाकर छात्राओं को संयुक्त चिकित्सालय पहुंचाया गया। यहां पर हिंमांशी निवासी परसा, नैनसी पीठापुर, लाली करोरा, रुची प्यारेपुर, रेखा यादव दुर्जन पुर, प्रियासी परसा व साक्षी समेत करीब 13 छात्राओं को बेहोशी की हालत में डॉ. इकबाल, डॉ.
नीरज वर्मा, डॉ. धीरेन्द्र पटेल की टीम ने उपचार शुरू कर दिया।

सूचना पर पहुंची एसडीएम सिरौलीगौसपुर प्रीति सिंह ने डाक्टरों से बातचीत की। होश में आई छात्राओं से बातचीत की छात्राओं ने बिजली जाने के बाद गर्मी से बेहाल होकर तबीयत बिगड़ने की बात कही।


चिकित्सक बोले, डिहाईड्रेशन से बिगड़ी हालत

संयुक्त चिकितसालय की सीएमएस डॉ. नीलम गुप्ता ने बताया है जो छात्राएं बेहोश होकर अस्पताल आई थीं, वह पहले से कमजोर लग रही थी। एक घंटे बिजली न होने से उमस से डिहाईड्रेशन की समस्या और बढ़ गई जिससे बेहोश हो गई। उपचार के बाद सभी की हालत में सुधार बताया जा रहा है। एसडीएम के निर्देश पर जांच की जाएगी कि आखिर स्कूल में छात्र व छात्राएं पढ़ते हैं तो छात्राएं की क्यों बेहोश हुई हैं। अभिभावकों में आक्रोश देखने को मिला।

 जीआईसी सिरौलीगौसपुर में छात्राओं के अचानक बेहोश होने की सूचना पर अस्पताल गई पर छह छात्राओं का इलाज होता मिला था, बाकी छात्राओं के अभिभावक उन्हें लेकर चले जाने की जानकारी मिली थी। चिकित्सकों ने बेहोशी का कारण डिहाईड्रेशन बताया है। स्कूल में एक घंटे बिजली जाने पर जनरेटर डीजल न होने से नहीं चलाया गया। प्रधानाचार्य की लापरवाही साबित हो रही है।

- प्रीति सिंह, एसडीएम सिरौलीगौसपुर

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