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पुरानी पेंशन हूबहू लागू करने को गरजे शिक्षक



प्रयागराज, पुरानी पेंशन योजना को हूबहू लागू करने और सभी शिक्षकों को चयनबोर्ड अधिनियम की तरह सेवा सुरक्षा प्रदान करने आदि मांगों को लेकर माध्यमिक शिक्षक संघ ठकुराई गुट से जुड़े शिक्षकों ने बुधवार को जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर बुधवार को प्रदर्शन किया। शिक्षकों ने मुख्यमंत्री को संबोधित 26 सूत्रीय मांगपत्र सह जिला विद्यालय निरीक्षक एलबी मौर्य, अजय कुमार सिंह तथा वित्त एवं लेखाधिकारी नीतू यादव को सौंपा।



ठकुराई गुट के प्रदेश महामंत्री लालमणि द्विवेदी ने कहा कि पुरानी पेंशन प्राप्त करने के लिए देशभर के शिक्षकों व कर्मचारियों को एकजुट होकर संघर्ष करना होगा। कहा कि दोनों बार आयोजित पुलिस भर्ती परीक्षा के कुल सात दिनों के पारिश्रमिक का यदि एक सप्ताह में शिक्षकों को भुगतान नहीं किया गया तो इसको लेकर शीघ्र ही जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना देंगे। जिलाध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार शुक्ल ने कहा कि सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों का राजकीयकरण करने से शिक्षकों की अधिकांश समस्याएं तथा न्यायालयों में मुकदमे स्वत कम हो जाएंगे। शिक्षकों ने ऑनलाइन स्थानांतरण, प्रधानाचार्यों की भर्ती में लिखित परीक्षा, शिक्षकों को भी कैशलेस चिकित्सा प्रतिपूर्ति सुविधा देने, शिक्षा विभाग के कार्यालयों में ई-फाइलिंग तथा सिटीजन चार्टर लागू करने आदि मांगे रखी। धरने को संबोधित करने वालों में पूर्व प्रधानाचार्य शशिकांत मिश्र, डॉ. आद्या प्रसाद मिश्र, डॉ. सूर्यकांत त्रिपाठी, डॉ. मोरारजी त्रिपाठी, डॉ. देवी शरण त्रिपाठी, जिलामंत्री विनोद सिंह, महेंद्र जैन, वीरेंद्र सिंह, धर्मेंद्र सिंह, डॉ. राम प्रकाश मिश्र, अंजनी कुमार, स्वतंत्र कुमार, अशोक यादव, विनीत सिंह, डॉ. विजय राज यादव आदि प्रमुख रहे। संचालन मीडिया प्रभारी इमरान खान ने किया।


नर्सों ने यूपीएस के विरोध में भरी हुंकार

प्रयागराज। अटेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु के आवाह्न पर बुधवार को एसआरएन अस्पताल की नर्सों ने पुरानी पेंशन लागू किए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। नर्सों ने हाथ पर काली पट्टी बांधकर यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) का विरोध किया। पुरानी पेंशन लागू करने की हुंकार भरी। विरोध प्रदर्शन के दौरान कार्य बाधित नहीं हुआ। राष्ट्रीय नर्सेस संघ एसआरएन के अध्यक्ष केके पांडेय के अनुसार विरोध प्रदर्शन छह सितंबर तक जारी रहेगा। कहा कि केवल पुरानी पेंशन ही स्वीकार है।

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