पेंशन के लिए शिक्षिका बनी पूर्व सैनिक की बेवा
फर्रुखाबाद। शिक्षिका ने पूर्व सैनिक की बेवा बनकर सचिव व लेखपाल से सांठगांठ कर परिवार रजिस्टर में नाम दर्ज करा लिया। पुत्र ने लेखपाल, तत्कालीन सचिव सहित नौ लोगों के खिलाफ कोर्ट में अर्जी दायर की है।
मोहम्मदाबाद कोतवाली क्षेत्र के गांव लखरौआ निवासी धमेंद्र सिंह ने सीजेएम कोर्ट में जनपद इटावा कोतवाली सदर मोहल्ला विनीत बिहार महेरा चुंगी निवासी शिक्षिका ऊषा देवी उर्फ ऊषा राठौर, धीरेंद्र उर्फ श्याम बाबू, गांव के पूर्व प्रधान राम प्रकाश, रामचंद्र, रामबहादुर, राजबहादुर, शिवानी, तत्कालीन सचिव संजीव गंगवार, लेखपाल अंकित प्रताप सिंह के खिलाफ कोर्ट में अर्जी दायर की।
इसमें बताया कि पिता जय सिंह सेना में नायक के पद पर तैनात थे। 13 दिसंबर 2012 काे उनकी इटावा में मौत हो गई। सेना के रिकार्ड में मां सुशीला देवी का नाम दर्ज है। ऊषा देवी ने पिता की पत्नी बनकर ऊषा देवी उर्फ सुशीला देवी के प्रपत्र लगाकर पेंशन के लिए आवेदन किया।
सेना के अधिकारियों ने जांच के बाद उसका प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया। मां सुशीला देवी को पेंशन मिलने लगी। मां की भी मौत हो गई। इसके बाद ऊषा देवी उर्फ सुशीला देवी ने सचिव, लेखपाल से मिलकर परिवार रजिस्टर में अपना नाम पिता की बेवा के रूप में दर्ज करा लिया। ऊषा देवी शिक्षिका हैं। जानकारी होने पर मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर दी लेकिन सुनवाई नहीं हुई। कोर्ट ने इस मामले में पुलिस से आख्या मांगी है।
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