सुप्रीम कोर्ट के फैसले से यूपी के 17 लाख छात्रों को राहत मिली, क्या है मामला
लखनऊ, उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम 2004 पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से यूपी के 17 लाख छात्रों को राहत मिली है। मदरसा संचालक, उलेमा और मदरसा शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर खुशी जाहिर की। मदरसों में मिठाइयां भी बांटी गई।
हाईकोर्ट के 22 मार्च 2024 को यूपी मदरसा ऐक्ट को अंसवैधानिक करार दिए जाने के बाद से 16 हजार से अधिक मदरसों में पढ़ने वाले 17 लाख बच्चों का भविष्य दांव पर था। यूपी शासन की ओर से पत्र जारी कर मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों को सरकारी विद्यालयों में प्रवेश कराने की तैयारी की जा रही थी। यदि सुप्रीम कोर्ट
हाईकोर्ट के निर्णय को बरकरार रखता तो मदरसा शिक्षा पूरी तरह खत्म हो जाती। शीर्ष कोर्ट के यूपी मदरसा ऐक्ट की संवैधानिकता बरकरार रखने के आदेश ने 17 लाख बच्चों को सीधे तौर पर राहत दी है। वहीं, अनुदानित मदरसों के 8558 शिक्षको एवं अन्य स्टाफ को राहत मिली है। मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा, कामिल और फाजिल की डिग्री के विषय पर हम वकीलों के साथ मंथन करेंगे और उसके बाद कोई निर्णय लेंगे।
2004 में अस्तित्व में आया यूपी मदरसा ऐक्ट
यूपी में 2004 में मुलायम सिंह की सरकार के दौरान अहम शिक्षा संबंधी कानून पारित किया गया। इसके तहत यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड की स्थापना की गई। इसका मकसद मदरसा शिक्षा को सुव्यवस्थित करना था। इसमें अरबी, उर्दू, फारसी, इस्लामिक स्टडीज, जैसी शिक्षा की व्यवस्था दी गई। इसका पहला मकसद मदरसों में एक संरचित और सुसंगत पाठ्यक्रम सुनिश्चित करना है।
• क्या है मामला
हाईकोर्ट ने यूपी मदरसा बोर्ड को असंवैधानिक बताया
2023 में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के वकील अंशुमान सिंह राठौर ने मदरसा बोर्ड के खिलाफ रिट दायर की। मार्च 2024 में हाईकोर्ट ने मदरसा बोर्ड को असंवैधानिक बताते हुए मदरसे के बच्चों का प्रवेश सामान्य स्कूलों में कराने का आदेश दिए।
क्या थी आपत्ति
रिट में कहा गया कि मदरसा बोर्ड सेक्युलर नहीं है, सभी पदाधिकारी और सदस्य मुस्लिम होते हैं। इसके साथ ही मदरसा बोर्ड जो कामिल और फाजिल की डिग्री देता है, यह यूजीसी के मानकों का उल्लंघन है।
मदरसों की दो श्रेणियां
देश में मदरसों की दो श्रेणियां हैं। पहला मदरसा दरसे निजामी। यह लोगों के चंदे से चलते हैं। यह स्कूली शिक्षा पाठ्यक्रम से नहीं चलते। दूसरा मदरसा दरसे आलिया है। यह राज्य के मदरसा शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त होते हैं।
मदारिसे अरबिया और अन्य ने उच्चतम न्यायालय में दी चुनौती
आदेश को टीचर्स एसोसिएशन मदारिसे अरबिया ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। शीर्ष कोर्ट ने रोक लगाई पांच नवंबर को मदरसा ऐक्ट को संवैधानिक करार देने का आदेश दिया। पांच अप्रैल को हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगी पांच नवंबर को मदरसा ऐक्ट को संवैधानिक करार देने का आदेश दिया गया
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