वाराणसी: शिक्षामित्र की तर्ज पर परिषदीय स्कूलों में बाल और युवा पथिको को मानदेय दिलाने की तैयारी है। इसके लिए डीएम कौशल राज शर्मा ने बेसिक शिक्षा निदेशालय को प्रस्ताव भेजा है। इसमें बाल व युवा पथिको ₹2000 प्रतिमाह मानदेय देने का प्रस्ताव है। ऐसी में बाल व युवक पथिको को मानदेय मिलने की उम्मीद जग गई है। तमाम शिक्षित युवा निशुल्क बच्चों को पढ़ा रहे हैं। वही कुछ युवक विद्यालयों में भी अपनी सेवा मुफ्त देने के लिए भी इच्छुक थे। इसे देखते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश सिंह ने कोरोना काल में बच्चों को घर-घर पढ़ाने के लिए बाल पथिक को युवा पथिक के रूप में चयनित करने का निर्णय लिया। 3 माह पूर्व इसकी शुरुआत सेवापुरी ब्लाक से की। शिवपुरी में प्राथमिक स्तर के बच्चों को पढ़ाने के लिए बाल पथिक व जूनियर हाई सल स्तर के बच्चों को पढ़ाने 100 युवा पथिक चयनित किए गए। बाल व युवा पथिक बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ अभिभावकों से भी संपर्क बनाए हुए हैं। बच्चों को होमवर्क कराने में भी बाल व पथिक सहयोग करते हैं। मोलना स्कूल से बच्चों को जोड़ने में भी पाल व युवा पति को की अहम भूमिका है। शिक्षित व समाजसेवी युवकों के उत्साह को देखते हुए विभिन्न ब्लॉक में अब तक करीब 800 बाल व युवा पथिक तैनात हो चुके। बीएसए ने बताया कि बाल व युवा पथिक को 2000 प्रतिमा मान देने की योजना है। शिक्षा निदेशालय से स्वीकृति मिलते ही बाल व युवा पथिको को मानदेय मिलेगा ताकि उन्हें आने-जाने का खर्च जेब से ना करना पड़े।
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